धनबाद, झारखंड: क्रिकेट की दुनिया में सपने सच होते हैं, और ऐसा ही कुछ कर दिखाया है युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने। गुजरात टाइटंस के खिलाफ तूफानी बल्लेबाजी करते हुए वैभव ने आईपीएल इतिहास का सबसे तेज भारतीय बल्लेबाज द्वारा शतक जड़कर सनसनी मचा दी। उनकी इस शानदार पारी ने न केवल टीम को जीत दिलाई बल्कि उन सभी आलोचकों को भी करारा जवाब दिया, जिन्होंने कभी उनके पिता संजीव सूर्यवंशी के फैसले पर सवाल उठाए थे।
संजीव सूर्यवंशी ने अपने बेटे के क्रिकेट करियर को उड़ान देने के लिए अपनी जमीन तक बेच दी थी। यह त्याग और समर्पण कई लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया था, कुछ ने इसे अति महत्वाकांक्षा भी करार दिया था। लेकिन वैभव ने अपने बल्ले से मैदान पर ऐसा प्रदर्शन किया कि सबकी बोलती बंद हो गई।
वैभव सूर्यवंशी ने अपनी धुआंधार पारी में कई आईपीएल रिकॉर्ड अपने नाम किए। उनकी तेजतर्रार बल्लेबाजी, दर्शनीय शॉट्स और दबाव में भी शांत रहने की क्षमता ने क्रिकेट पंडितों को भी हैरान कर दिया। यह शतक सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह पिता-पुत्र के अटूट विश्वास और समर्पण की जीत है।
धन्य हैं पिता संजीव सूर्यवंशी, जिन्होंने अपने बेटे के सपने को अपना सपना माना और उसके लिए हर संभव प्रयास किया। और वैभव सूर्यवंशी, आपने अपनी प्रतिभा और मेहनत से न केवल अपने पिता के त्याग को सार्थक किया बल्कि देश के युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणास्रोत भी बन गए हैं।
वैभव सूर्यवंशी और उनके पिता संजीव सूर्यवंशी को इस शानदार उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई! यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत, लगन और एक-दूसरे पर अटूट विश्वास का परिणा
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