Dhanbad : धनबाद जिले के आशाकोठी गांव में एक अनोखी स्थिति देखने को मिल रही है, जहां एक भी पुरुष नहीं है। इसके पीछे की वजह कोयला तस्करी और हिंसक संघर्ष है।
कारू यादव नामक एक कोयला तस्कर का था दबदबा
आशाकोठी में कारू यादव नामक एक कोयला तस्कर का दबदबा था, जिसके बिना आदेश के कोई भी वहां नहीं जा सकता था। वह इतना शक्तिशाली था कि पुलिस तक उसके सामने नहीं टिकती थी। लेकिन एक खूनी संघर्ष के बाद पुलिस ने कारू यादव को गिरफ्तार कर लिया और उसे सलाखों के पीछे भेज दिया। इसके बाद गांव में सन्नाटा पसर गया और सभी पुरुष गायब हो गए। गांव में केवल एक-दो महिलाएं ही नजर आ रही हैं। आशाकोठी में एक बड़ा खाली मैदान है, जहां कुछ मवेशी बंधे हुए हैं।
पुलिस ने भारी मात्रा में किया अवैध कोयला जब्त
पुलिस और सीआईएसएफ की मदद से अवैध कोयला जब्त किया जा रहा है और उसे बीसीसीएल प्रबंधन को सौंपा जा रहा है। अब तक लगभग 1000 से 1500 टन अवैध कोयला जब्त किया जा चुका है। यह कार्रवाई पुलिस और सीआईएसएफ की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है।
कोयल तस्करी को लेकर हिंसक झड़प हो चुकी थी आम बात
आशाकोठी और आसपास के इलाकों में कोयला तस्करी और हिंसक संघर्ष की घटनाएं आम बात हैं। पुलिस और कोयला चोरों के बीच कई बार संघर्ष हुआ है, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। यहां तक कि पुलिस पर भी हमला किया गया है।
कारू ने स्थापित किया था अवैध कोयला तस्करी का साम्राज्य
कारू न सिर्फ आशाकोठी बल्कि आसपास के बुदौरा, फुलरीटांड़, खटाल, पांडुआभीठा, बिराजपुर आदि इलाकों में भी कोयला के अवैध कारोबार को लेकर राज स्थापित किया था। यही कारण है कि यहां उसके समर्थक उसके लिए मरने मारने से भी पीछे नहीं हटते थे। इन्हीं के बदौलत उसने काला साम्राज्य खड़ा किया। क्षेत्र में अधिकतर बाइक से कोयला इसी जगह से ढोया जाता है। जो आज पूरी तरह से बंद है।
आशाकोठी में पुलिस व कोयला चोरों के बीच अक्सर होता रहा है संघर्ष
क्षेत्र में पहले भी कई बार दो गुटों के बीच कोयला चोरी, रंगदारी व वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष होता रहा है। पुलिस मामले में सख्ती दिखाती है तो ये कोयला चोर पुलिस पर भी हमला करने से नहीं चुकते हैं। 22 सितंबर 2018 को बरोरा क्षेत्र की डेको आउटसोर्सिंग परियोजना के जरलाही पैच में कोयला चोरों ने सीआईएसएफ टीम पर पथराव कर दिया गया था। हमले में सीआईएसफ जवान अशोक चौधरी बुरी तरह जख्मी हो गए थे। घायल जवान ने आत्मरक्षा के लिए हवाई फायरिंग भी की थी। इसके बाद कोयला चोर भाग गए थे। 25 जनवरी 2020 को बरोरा क्षेत्र की फुलारीटांड़ कोलियरी के अधीन चल रही डेको आउटसोर्सिंग कंपनी के खुली खदान में छापेमारी करने गए पुलिस एवं सीआईएसएफ के जवानों पर कोयला चोरों ने हमला बोल दिया था। हमले में सीआईएसएफ के पांच जवान घायल हुए थे। 17 मार्च 2020 को बरोरा क्षेत्र के जीएम के नेतृत्व में डेको आउटसोर्सिंग परियोजना में छापेमारी करने गए कोयला अधिकारी, सीआईएसएफ और बरोरा पुलिस की टीम पर कोयला चोरों ने पथराव कर दिया था। टीम में शामिल सभी लोग इस घटना में बाल-बाल बच गए थे। काफिले में शामिल एक वाहन का शीशा टूटा था। काफिले में कई क्षेत्रीय कोल अधिकारी शामिल थे।