कथक नृत्य कार्यशाला का सफल समापन समारोह



विशाल कृष्ण से स्थानीय कथक कलाकारों ने सिखा स्फूर्ति,अंग संचालन व कुशल अभिनय का आत्मविश्वास


धनबाद : धनबाद सेंट्रल कोल वासरी ऑर्गेनाइजेशन के सभागार(सीसीडब्ल्यूओ) में शनिवार को 13 से 15 दिसंबर तक ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल,अनुभूति एक एहसास,सांस्कृतिक प्रशिक्षण केंद्र, सीसीडब्ल्यूओ के द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कथक नृत्य कार्यशाला का सफल समापन समारोह संपन्न हुआ। कार्यशाला के तीसरे एवं अंतिम दिन सर्वप्रथम मुख्य अतिथि कोल वाशरी डिवीजन के जीएम देबज्योति अधिकारी,आयोजनकर्ताओं व अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय कलाकार श्रुति चंद्र द्वारा गणेश वंदना द्वारा की गई। इसके उपरांत कार्यशाला में प्रशिक्षित स्थानीय कलाकारों ने बहुत ही दर्शनीय एवं मनमोहक कथक नृत्य की प्रस्तुति दी।




 तीन दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने वाले कलाकारों को प्रशिक्षण देने वाले वाराणसी घराने के अंतरराष्ट्रीय कथक कलाकार विशाल कृष्ण ने प्रशिक्षण प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। मुख्य अतिथि देबज्योति अधिकारी ने मंच से कहा की भारत में कथक नृत्य 400 बी सी में शुरू हुआ था जो भगवान शिव के नृत्य पर आधारित है। जिसे विभिन्न कत्थक गुरुओं ने इसे आगे बढ़ाया और वर्तमान में विशाल कृष्णा जैसे दक्ष कथक कलाकार हमारे देश की इस सांस्कृतिक कथक नृत्य का विस्तार कर रहे हैं जो हमारे वर्तमान में पीढ़ी के बच्चों के लिए अनुशासन के संदर्भ में बहुत ही महत्वपूर्ण है।

ऑल इंडिया ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के सभी पदाधिकारी एवं काला हीरा जैसे बड़े मंच के निदेशक राजेंद्र प्रसाद को बधाई दी और भविष्य में बच्चों को बड़ा मंच प्रदान करने के लिए शुभकामनाएं दी ।सांस्कृतिक प्रशिक्षण केंद्र,काला हीरा के निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने बताया विशाल कृष्ण स्थानीय कलाकारों को कथक नृत्य की बारीकियां सिखाई हैं जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है सर्व विदित है कि कोई भी कलाकार किसी बड़े गुरु से नृत्य सीख नहीं जाते वह आगे नहीं बढ़ते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षित होने के पश्चात कथक कलाकार किसी भी मंच बहुत ही आत्मविश्वास के साथ अपनी प्रस्तुति दे सकने में सामर्थ्य हुए है।पर तीन दिवसीय कार्यशाला में विशाल कृष्ण ने बहुत विधिवत तरीके से सभी स्थानीय कलाकारों को कथक नृत्य की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया है। 


ये थे मौजूद 


कार्यशाला को सफल बनाने में काला हीरा के निदेशक


राजेंद्र प्रसाद,अनुभूति एक एहसास की महासचिव सरसी चंद्रा,संजय सेन गुप्ता, वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा,अरविंद शर्मा एआईटीसी झारखंड प्रेसिडेंट श्याम कुमार, एआईटीसी महासचिव संजय चंद्रा, एआईटीसी झारखंड उपाध्यक्ष जयप्रकाश शुक्ला, एआईटीसी झारखंड कोषाध्यक्ष कैश आलम, एआईटीसी झारखंड नृत्य प्रभारी व इस कार्यक्रम को आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शिप्रा, एआईटीसी के सतीश कुंदन, राजीव कुमार मौजूद थे।

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